काव्य-सेतु
भाषा और काव्य का अटूट सम्बन्ध है| साथ ही, काव्य का रस लेने में भाषा बाधक भी हो सकता है| इस विभाग में हम हिन्दी और अन्य भाषाओं के काव्य के बीच एक सेतु प्रस्तुत करते हैं| वह सेतु कई रूप में हो सकता है: बस लिपि में परिवर्तन, हिन्दी की कोई कविता जो अन्य भाषा के किसी काव्य से प्रेरित हो, या कि एक पूर्ण अनुवाद| इससे हमें विश्व काव्य की एक झलक मिलेगी|