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छंद में लिखना - आसान तरकीब
भाग 3 खास विषयों पर लिखना
वाणी मुरारका
'कौन तुम'
डा. महेन्द्र भटनागर
कौन तुम अरुणिम उषा-सी मन-गगन पर छा गयी हो!
लोक धूमिल रँग दिया अनुराग से,
मौन जीवन भर दिया मधु राग से,
दे दिया संसार सोने का सहज
जो मिला करता बड़े ही भाग से,
कौन तुम मधुमास-सी अमराइयाँ महका गयी हो!
वीथियाँ सूने हृदय की ...
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
छंद में लिखना - आसान तरकीब
भाग 2 मूल तरकीब
वाणी मुरारका
छंद में लिखना - आसान तरकीब
भाग 1 लय का महत्व
वाणी मुरारका
'कामायनी ('निर्वेद' सर्ग के कुछ छंद)'
जयशंकर प्रसाद
तुमुल कोलाहल कलह में
मैं हृदय की बात रे मन!
विकल होकर नित्य चंचल,
खोजती जब नींद के पल,
चेतना थक-सी रही तब,
मैं मलय की वात रे मन!
चिर-विषाद-विलीन मन की,
इस व्यथा के तिमिर-वन की;
...
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
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Basic Structure of Hindi Poetry
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- 20वी सदी के पूर्व हिन्दी का शिलाधार काव्य
युगवाणी
- 20वी सदी के प्रारम्भ से समकालीन काव्य
नव-कुसुम
- उभरते कवियों की रचनाएँ
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मुक्तक
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