छंद में लिखना - आसान तरकीब - 1
लय का महत्व

वाणी मुरारका



नमस्कार दोस्तो,

मैं आपके संग छंद में लिखने की एक बहुत आसान तरकीब बांटना चाहती हूँ। यह तरकीब इतनी आसान और असरदार है कि आधे वक्त तो आपको अपने छंद का निरीक्षण करने के लिए गीत गतिरूप का प्रयोग करने की भी ज़रूरत नहीं होगी।

लय का महत्व

प्रकृति के हर जीव और निर्जीव तत्व में एक सप्नदन, एक vibration है। यह स्पन्दन, यह ताल हमारी नैसर्गिक प्रवृत्ति है। It is a fundamental part of our nature.

इसी कारण से लय में कही बात हमारे अवचेतन में, subconscious में ज्यादा सरलता से प्रवेश कर जाती है।

असल में गद्य और पद्य में यही मुख्य अन्तर है। लय और शब्द का समन्वय है कविता।

बल्कि यदि आपने कविता लिखना शूरू ही किया हो तो लय में, छंद में लिख पाने से बहुत आत्म-विश्वास बढ़ता है। नहीं तो कई बार खुद को ही समझ में नहीं आता कि जो लिखा है वह कविता बनी है कि नहीं।

छन्द में कही बात से सम्प्रेषण और आसान हो जाता है। आप अपने पाठकों पर और असर कर पाते हैं।

लय, छंद में लिखीं पंक्तियाँ और आसानी से याद रहती हैं।

जब इतने फ़ायदे हैं और खासकर जब लय हमारे नेचर का इतना फ़न्डामेंटल हिस्सा है, हम सब स्पन्दन हैं तो लय में, छंद में लिखना इतना जटिल नहीं हो सकता।

यहीं आती है वह आसान तरकीब जो मैं आपके संग अगले भाग में साझा करूँगी।

शृंखला में क्या है

भाग 2 - 12 मात्रा की लय पर लिखने की तरकीब

भाग 3 - 12 मात्रा की लय पर खास विषयों पर लिखना

भाग 4 - 16 मात्रा की लय पर लिखना
यह भाग बहुत महत्वपूर्ण है।

भाग 5 - 16 मात्रा के लय पर खास विषयों पर लिखना

आखिरकार, एक बहुत रोचक विषय --
भाग 6 - लय में लय को तोड़ना!

प्रकाशित : 2 फरवरी 2025

विषय:
काव्य शिल्प (15)
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गूंजती है किलकारियाँ भी।
सहमे से मुरझाए होठों पर
..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
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