छंद में लिखना - आसान तरकीब - 2
मूल तरकीब

वाणी मुरारका



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नमस्कार दोस्तो,

इस भाग में मैं वह असली तरकीब साझा करूँगी जो कई भाषाओं और कई छंदों के लिए प्रयोग कर सकते हैं। यह तरकीब मैंने Stephen Fry की पुस्तक The Ode Less Travelled -- Unlocking the Poet Within से सीखी है।

फिर एक किस्सा पता चला कि हिन्दी जगत में भी दिग्गज इसका प्रयोग करते आए हैं।

एक गाने का किस्सा

"नया दौर" फिल्म के संगीतकार ओ पी नैय्यर थे, और साहिर लुधियानवी ने गानों के शब्द लिखे हैं। आपको तो पता ही होगा कि साहिर कितने उम्दा कवि और गीतकार थे।

तो किस्सा यह है, पता नहीं कितना सच है, कि ओ पी नैय्यर को अपनी धुन पर जब गीत लिखवाना था तो धुन के साथ-साथ वे कुछ ऊटपटाँग शब्द लेकर साहिर के पास आए, जिसे उन्होनें कुछ इस प्रकार सुनाया होगा --
"कउआ ले गया मोती ई, आया मुझको बुखाआर"

इच्छित छंद के इस 'signature line' को पा कर साहिर ने लिखा -- "माँग के साथ तुम्हारा, मैंने, माँग लिया संसार"

पूरा गीत यहाँ सुन सकते हैं

मूल तरकीब

तो मूल तरकीब यह है --
किसी भी छंद, ताल, लय के बोल (signature line) को लेकर दोहराइए। बार बार ज़ोर से कहिए और उस लय को ज़ेहन में उतारिए। फिर बस लिखिए। लय को स्वत: बहने दीजिए।

इसका बार बार अभ्यास करना है। जैसे गायकी में सुर का, ताल का रियाज़ करते हैं वैसे। ताल और लय का लिखने में रियाज़।

उदाहरण - 12 मात्रा की लय

अब एक लय का उदाहरण लेते हैं। बारह मात्रा का दादरा ताल। संगीत में यह ताल सिखाया जाता है।

इसका रूप यूँ है --
धा धिन ना
ना तिन ना


देखिए धा दो मात्रा, धिन दो मात्रा इत्यादि। मैं मान कर चल रही हूँ कि भाषा में लघु और दीर्घ स्वर की मात्राओं का basic ज्ञान आपको है।


नहीं तो यह लेख देखें

तो यदि इस 12 मात्रा के लय पर हमें लिखना है, तो बार बार इस धा-धिन-ना ना-तिन-ना को ताली बजा बजा कर, या गोदी पर थाप देकर, दोहराना पड़ेगा। और फिर लिखना होगा।

मेरा प्रयास

मैंने यही किया और यह कुछ पंक्तियाँ बनीं।

चोरी से कैसे वे
मासूमों जैसे वे

गायब हो जाते हैं
चन्दा कहलाते हैं

आयेंगे उजले से
वादा कर देखो तो

तारों की झिलमिल को
मौक़ा दे जाते हैं

आपकी बारी

अब आपकी बारी है। आपको 4 द्विपदी लिखनी है। एक दूसरे से सम्बंधित हों ज़रूरी नहीं। रुकना नहीं है, ज्यादा सम्पादन नहीं करना है, लय को स्वतः बहने देना है।

ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट लगाइयेगा। विचार, शब्द का सौन्दर्य महत्वपूर्ण नहीं है। "काका तेरी आ, झीनी बीनी आ" जैसे निरर्थक शब्द भी चलेंगे क्योंकि यहाँ बस लय महत्वपूर्ण है।

मगर पहले ज़ोर से बार बार ताली बजा कर दोहराना है। देखिए ज़रूरी है कि आप मुँह से ज़ोर से कहें और ताली बजाएँ ताकि लय आपके शरीर में उतर जाए, बस दिमाग में न रहे।

धा धिन ना - ना तिन ना
धा धिन ना - ना तिन ना

या variety चाहिए तो कह सकते हैं

चोरी से कैसे वे, मासूमों जैसे वे
गायब हो जाते हैं, चन्दा कहलाते हैं

नहीं तो बस

धा धिन ना - ना तिन ना
धा धिन ना - ना तिन ना

अब बस लिखिए। 4 द्विपदी, यानि 8 पंक्तियाँ। कोई सम्पादन नहीं।

तो कैसी रही? सबसे पहले -- मन में ज़रा भी खुशी महसूस हुई? वह खुशी जरूरी है।

अगले भाग में हम इसी लय में खास विषयों पर लिखेंगे। धन्यवाद।

प्रकाशित : 9 फरवरी 2025

विषय:
काव्य शिल्प (15)
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पटाखों के साथ-साथ
गूंजती है किलकारियाँ भी।
सहमे से मुरझाए होठों पर
..

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