चर्चित लेखक, कवि एवं पत्रकार प्रियदर्शन मूलतः झारखंड रांची से हैं और फिलहाल एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ संपादक के रूप में नई दिल्ली में कार्यरत हैं।
इनकी सत्रह किताबें अब तक आ चुकी हैं-
कहानी संग्रह - 'बारिश, धुआं और दोस्त' और 'उसके हिस्से का जादू', और 'सहेलियाँ तथा अन्य कहानियाँ', 'हत्यारा'
कविता संग्रह - 'नष्ट कुछ भी नहीं होता', ''यह जो काया की माया है'
आलोचना - 'ग्लोबल समय में गद्य', 'ग्लोबल समय में कविता'
उपन्यास - 'ज़िंदगी लाइव'
अन्य - 'नए दौर का सिनेमा', 'इतिहास गढ़ता समय', 'खबर बेखबर', 'दुनिया मेरे आगे'
शीघ्र प्रकाश्य - 'क्या यह शहर तुम्हारा है?'
सलमान रुश्दी और अरुंधती रॉय की कृतियों सहित सात किताबों का अनुवाद और तीन किताबों का संपादन. विविध राजनैतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर तीन दशक से नियमित विविधतापूर्ण लेखन और हिंदी की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन