प्यार का उपहार

विनोद तिवारी

प्रस्तुत है विनोद तिवारी की कविता "प्यार का उपहार" का वीडियो। उपहार उनका और वीडियो द्वारा उपहार का सम्प्रेषण भी वह ही कर रहे हैं। सरल श्रृंगार रस और अभिसार में भीगा, फिर भी प्यार का उपहार ऐसा जो व्यापक होने को प्रेरित करे -- तोड़ दो सीमा क्षितिज की, गगन का विस्तार ले लो

वीडियो देखने इस लिंक या नीचे चित्र पर क्लिक करें

प्यार का उपहार


यह कविता विनोद तिवारी की कविताओं का संकलन "समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न" से ली गई है।


काव्यालय पर प्रकाशित: 26 फरवरी 2021


***
Vinod Tewary
's other poems on Kaavyaalaya

 Ek Vishwaas
 Aisee Lagtee Ho
 Jeevan Deep
 Durga Vandana
 Pyaar Kaa Naataa
 Pravaasee Geet
 Prem Gaathaa
 Meri Kavita
 Mere Madhuvan
 Yaadgaaron Ke Saaye
This Month :
'Divya'
Goethe


Translated by ~ Priyadarshan

nek bane manuShy
udaar aur bhalaa;
kyonki yahee ek cheej़ hai
jo use alag karatee hai
un sabhee jeevit praaNiyon se
jinhen ham jaanate hain.

svaagat hai apnee...
..

Read and listen here...
होलोकॉस्ट में एक कविता
~ प्रियदर्शन

लेकिन इस कंकाल सी लड़की के भीतर एक कविता बची हुई थी-- मनुष्य के विवेक पर आस्था रखने वाली एक कविता। वह देख रही थी कि अमेरिकी सैनिक वहाँ पहुँच रहे हैं। इनमें सबसे आगे कर्ट क्लाइन था। उसने उससे पूछा कि वह जर्मन या अंग्रेजी कुछ बोल सकती है? गर्डा बताती है कि वह 'ज्यू' है। कर्ट क्लाइन बताता है कि वह भी 'ज्यू' है। लेकिन उसे सबसे ज़्यादा यह बात हैरानी में डालती है कि इसके बाद गर्डा जर्मन कवि गेटे (Goethe) की कविता 'डिवाइन' की एक पंक्ति बोलती है...

पूरा काव्य लेख पढ़ने यहाँ क्लिक करें
राष्ट्र वसन्त
रामदयाल पाण्डेय

पिकी पुकारती रही, पुकारते धरा-गगन;
मगर कहीं रुके नहीं वसन्त के चपल चरण।

असंख्य काँपते नयन लिये विपिन हुआ विकल;
असंख्य बाहु हैं विकल, कि प्राण हैं रहे मचल;
असंख्य कंठ खोलकर 'कुहू कुहू' पुकारती;
वियोगिनी वसन्त की...

पूरी कविता देखने और सुनने इस लिंक पर क्लिक करें
संग्रह से कोई भी कविता | काव्य विभाग: शिलाधार युगवाणी नव-कुसुम काव्य-सेतु | प्रतिध्वनि | काव्य लेखहमारा परिचय | सम्पर्क करें

a  MANASKRITI  website