Toggle navigation
English Interface
संग्रह से कोई भी रचना
काव्य विभाग
शिलाधार
युगवाणी
नव-कुसुम
काव्य-सेतु
मुक्तक
प्रतिध्वनि
काव्य लेख
सहयोग दें
अप्रतिम कविताएँ
प्राप्त करें
✉
अप्रतिम कविताएँ
प्राप्त करें
✉
चाय 7
सुनो,
कप हमेशा दोनों रखना
चाहे रह जाओ अकेले ही
होती रहेगी हर सुबह हर शाम
कुछ बात
कभी मन से
कभी बेमन भी,
आदतें छूटती नहीं !
-
नूपुर अशोक
काव्यालय को प्राप्त: 5 Aug 2022. काव्यालय पर प्रकाशित: 10 Aug 2023
सहयोग दें
विज्ञापनों के विकर्षण से मुक्त, काव्य के सौन्दर्य और सुकून का शान्तिदायक घर... काव्यालय ऐसा बना रहे, इसके लिए सहयोग दे।
₹ 500
₹ 250
अन्य राशि
नूपुर अशोक
की काव्यालय पर अन्य रचनाएँ
खिड़की और किरण
गेंद और सूरज
चाय 1
चाय 2
चाय 3
चाय 4
चाय 5
चाय 6
चाय 7
इस महीने :
'पुकार'
अनिता निहलानी
कोई कथा अनकही न रहे
व्यथा कोई अनसुनी न रहे,
जिसने कहना-सुनना चाहा
वाणी उसकी मुखर हो रहे!
एक प्रश्न जो सोया भीतर
एक जश्न भी खोया भीतर,
जिसने उसे जगाना चाहा
..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
संग्रह से कोई भी रचना
| काव्य विभाग:
शिलाधार
युगवाणी
नव-कुसुम
काव्य-सेतु
|
प्रतिध्वनि
|
काव्य लेख
सम्पर्क करें
|
हमारा परिचय
सहयोग दें