अप्रतिम कविताएँ
चाय 7

सुनो,
कप हमेशा दोनों रखना
चाहे रह जाओ अकेले ही
होती रहेगी हर सुबह हर शाम
कुछ बात
कभी मन से
कभी बेमन भी,
आदतें छूटती नहीं !
- नूपुर अशोक

काव्यालय को प्राप्त: 5 Aug 2022. काव्यालय पर प्रकाशित: 10 Aug 2023

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'पुकार'
अनिता निहलानी


कोई कथा अनकही न रहे
व्यथा कोई अनसुनी न रहे,
जिसने कहना-सुनना चाहा
वाणी उसकी मुखर हो रहे!

एक प्रश्न जो सोया भीतर
एक जश्न भी खोया भीतर,
जिसने उसे जगाना चाहा
..

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