छंद में लिखना - आसान तरकीब - 4
कई गीत और कविताएँ (16 मात्रा)

वाणी मुरारका



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नमस्कार दोस्तो,

इस भाग में हम 16 मात्रा की लय पर लिखेंने की तरकीब देखेंगे। सोलह यानि 4 4 मात्राओं के 4 टुकड़ों की एक पंक्ति।


सोलह मात्रा की लय बहुत खास है, बहुत बेसिक है। इसके रियाज़ से छंद में लिखने पर पकड़ बहुत बढ़ता है। सोलह मात्रा की लय पर कई गाने और कविताएँ लिखीं गई हैं।

उदाहरण

कुछ कविताओं का उदाहरण देती हूँ। बच्चन की यह पंक्तियाँ देखें -
कहते हैं तारे गाते हैं!
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का यह
राग नहीं हम सुन पाते हैं!
पूरी कविता

है न सुन्दर? यह इन पंक्तियों का प्रतिरूप है, जो गीत गतिरूप में बनाया गया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि हर अक्षर कितने मात्रा का है, और कैसे हर पंक्ति कुल 16 16 मात्राओं की है।


वैसे ही महादेवी वर्मा की यह प्रसिद्ध पंक्तियाँ -
मधुर मधुर मेरे दीपक जल
युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल
प्रियतम का पथ आलोकित कर
पूरी कविता

और उसका प्रतिरूप यह है


मेरे मित्र और काव्यालय के सह-सम्पादक विनोद तिवारी, जिनसे मैंने हिन्दी कविता में लय और मात्राओं के विषय में सीखा -- उनकी कुछ अद्भुत पंक्तियाँ -
कितना है विस्तार सृष्टि में,
फिर भी कितनी सीमायें हैं।
सब कुछ है उपलब्ध जगत में,
फिर भी कितनी कुंठायें हैं।
पूरी कविता

यह भी 16 मात्रा की लय पर

या आप कह सकते हैं उसका डबल - 32

देखिए कैसे दूसरी पंक्ति की संरचना पहली से मैच कर रही है।

तरकीब

तो सोलह मात्रा की लय पर कैसे लिखें? फिर से संगीत और तबले के ताल की मदद लेते हैं, जिसका नाम है "तीन ताल"। इस तीन ताल पर कई गाने लिखे जाते हैं - शास्त्रीय संगीत में भी और फिल्मों में भी। इसके बोल, या signature है --

धा धा धिन धा, धा धा धिन धा,
ना तिन तिन ता, तेते धिन धिन धा|

तबले में इसे 16 मात्रा गिना जाता है, जिसमें हर भाग 4 मात्रा का है। किन्तु लिखने के लिए पहले दो भाग ही हमारे लिए काफ़ी हैं क्योंकि लिखने में 'धा' में 'आ' के गुरु यानि बड़े स्वर को दो मात्रा लिया जाता है। अत: पहले 2 भाग से 16 मात्रा हो जाता है।

मेरा प्रयास

निर्मल निर्झर सा बहता हो
गीतों की ऐसी धारा हो
कह दें बात छिपी जो मन में
फिर भी गोपन गोपन ही हो

नदिया कल कल कल जो बहती
ऐसे गीत बहें अंतस से
जो पढ़ ले उसका मन भर दे
सार्थक मेरी भी वाणी हो

आपकी बारी

अब आपकी बारी। 16 मात्रा की लय पर आठ-दस पंक्तियाँ लिखिए, जो भी बन पड़े। ज्यादा सम्पादन नहीं करना है, ऊट-पटांग कुछ भी लिखना ठीक है -- जैसे "दादा आया लीला छाया"। बस यह ताल, rhythm मुख्य है। और इसलिए ज्यादा से ज्यादा पाँच मिनट लगे।

पर पहले ताल के बोल बोलकर, ताली के साथ बार बार दोहराना है
धा धा धिन धा, धा धा धिन धा।
धा धा धिन धा, धा धा धिन धा।
धा धा धिन धा, धा धा धिन धा।
धा धा धिन धा, धा धा धिन धा।

अब लिखिए! और बताइयेगा अनुभव कैसा रहा

सुझाव

मेरा सुझाव है कि 16 मात्रा का रियाज़ रोज़ 4 या 8 पंक्तियाँ लिखकर करें। इससे यह लय तो आपका एक अंतरंग हिस्सा बन ही जाएगा, साथ ही आप देखेंगे कि 8, 24 और 32 मात्रा के लय पर लिखना भी सरल हो जाएगा। यहाँ तक कि 15 और 14 मात्रा की लय पर लिखना भी!

तो अगले भाग में मुलाकात होगी। धन्यवाद।

प्रकाशित : 23 फरवरी 2025

Topic:
Craft of Poetry (15)
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kabhee lagataa hai hamane samay ko jiyaa,
kabhee lagataa hai samay ne hamen taraashaa.
yah saath keval varSh naheen the—
yah do aatmaaon kaa maun sanvaad thaa,
jo shabdon se pare,
par bhaavon se bharapoor rahaa.

jab hamane saath chalanaa shuroo kiyaa,
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koee haath, koee sahaaraa.
main Tik naheen paataa vahaa(n) der tak.

suno,
abase
..

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