अप्रतिम कविताएँ
प्यार का नाता
ज़िन्दगी के मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा।
राह की वीरानियों को मिल गया आखिर सहारा।

ज्योत्सना सी स्निग्ध सुन्दर, तुम गगन की तारिका सी।
पुष्पिकाओं से सजी, मधुमास की अभिसारिका सी।

रूप की साकार छवि, माधुर्य्य की स्वच्छन्द धारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।

मैं तुम्ही को खोजता हूँ, चाँद की परछाइयों में।
बाट तकता हूँ तुम्हारी, रात की तनहाइयों में।

आज मेरी कामनाओं ने तुम्हे कितना पुकारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।

दूर हो तुम किन्तु फिर भी दीपिका हो ज्योति मेरी।
प्रेरणा हो शक्ति हो तुम, प्रीति की अनुभूति मेरी।

गुनगुना लो प्यार से, यह गीत मेरा है तुम्हारा।
प्यार का नाता हमारा, प्यार का नाता हमारा।
- विनोद तिवारी
काव्य संकलन समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न
विषय:
प्रेम (60)

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भावना की गोद से उतर कर
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हँसें
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..

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कहते हैं सब लोग तोंद एक रोग बड़ा है
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औरों की क्या कहूं, मैं अपनी बात बताता
बचपन से ही रहा तोंद से सुखमय नाता।
जिससे भी की बात, अदब आँखों में पाया
नाम न लें गुरु, यार, मैं पंडित 'जी' कहलाया।

आज भी ऑफिस तक में तोंद से मान है मिलता
कितना भी हो बॉस शीर्ष, शुक्ला 'जी' कहता।
मान का यह
..

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जिस पर पंछी घर कर लें वो ठाँव कहाँ से लाओगे?
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