किसने कहा इतिहास मेरा है या तुम्हारा
यह तो एक समूह है जो इधर से गुज़र गया
एक ख्याल है जो करवट बदल कर सो गया
एक तारीख है जो समय की लिपि से मिटी जाती है
आज जिन तालिबान ने बुद्ध के अवशेष्ण को नष्ट किया
कल वो भी समय की लिपि पर बिखर जाएँगे
माना जीने के लिए हम सब का सार्थक होना ज़रूरी है
पर किसी की सार्थकता को निरर्थक बनाना ज़रूरी तो नहीं
समय की लिपि पर कुरेद कर अपना पता लिख भी दिया तुमने
तो भी इतिहास न मेरा है न तुम्हारा
यह तो एक समूह है जो इधर से गुज़र गया
एक गुमनाम पता है जो आगे मोड़ पर जा कर बिखर गया।