मेरी मम्मी कहती हैं
चंदा की धरती पर मुझ सी
सुंदर परियाँ रहती हैं
मैं भी वहीं से आयी हूँ
मेरी मम्मी कहती हैं।
मेरे भी जब पर उग आयें
चंदा पर मैं जाऊँगी
आसमान के पट पर मैं भी
तारे खूब सजाऊँगी
परियों की हूँ शहज़ादी मैं
मेरी मम्मी कहती हैं
चंदा की धरती पर मुझ सी
सुंदर परियाँ रहती हैं।
सीढ़ी डालूँगी ऊपर से
सीधे माँ की गोद तलक
झट-पट नीचे आ जाऊँगी
धीरे-धीरे सरक-सरक
याद सतायेगी जब घर की
मेरी मम्मी कहती हैं
चंदा की धरती पर मुझ सी
सुंदर परियाँ रहती हैं।
बादल पर मैं सैर को जाऊँ
अंतरिक्ष को छू लूँगी
तारों सी झिलमिल मुस्कानें
सबके मुख पर घोलूँगी
माँ की मैं लाड़ो रानी हूँ
मेरी मम्मी कहती हैं
चंदा की धरती पर मुझ सी
सुंदर परियाँ रहती हैं।
काव्यालय को प्राप्त: 14 Nov 2013.
काव्यालय पर प्रकाशित: 16 Nov 2018