काव्यालय के आँकड़े
अप्रैल 2021 – मार्च 2022
नूपुर अशोक, वाणी मुरारका, विनोद तिवारी
(सम्पादक, काव्यालय)
1997 में जन्मा ‘काव्यालय’ अब 25 वर्षों का युवा हो चुका है, एक ऐसा युवा जिसका परिवार सिर्फ अपने संचालकों तक सीमित नहीं है बल्कि उसके सभी रचनाकार व पाठक भी इस परिवार का अभिन्न अंग हैं। प्रस्तुत है इसका लेखा-जोखा, पूरे परिवार के लिए।
इस साल की कहानी
मुलाकातें
इस साल काव्यालय ने पहली बार कुछ साक्षात्कार किए -- दो दिग्गज कवियों के संग -- विनोद तिवारी और अमृत खरे।
विनोद तिवारी से उनके काव्य संकलन “समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न” के संदर्भ में बातचीत हुई। उनके बचपन के प्रभाव, काव्य और विज्ञान की बाते हुईं। साक्षात्कार यहाँ देख सकते हैं।
लखनऊ के कवि और संस्कृत से हिन्दी काव्यानुवादक अमृत खरे ने “समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न” के गुणों का विश्लेषण, अपनी साहित्यिक यात्रा की बातें बताईं, और सबसे विशेष -- कविता के सूक्ष्म गुणों पर ऐसी चर्चा की जो किसी भी कवि और कविता प्रेमी के लिए बहुमूल्य है। साक्षात्कार यहाँ देख सकते हैं
पारुल ’पंखुरी’ ने अपने मोहक कौशल से साक्षात्कार का संचालन किया।
नया साथी
जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं… शिवमंगल सिंह सुमन जी की ये पंक्तियाँ रूपायित हो गईं जब काव्यालय के पथ पर नूपुर अशोक शामिल हुईं। नया साथी, नई उम्मीदें, नया उत्साह और नए विचार।
हिन्दी में पी.एच.डी. और बहु-आयामी नूपुर हिन्दी साहित्य जगत में बहुत सक्रिय हैं। उन्होंने काव्यालय को अपनाया, सम्पादक मंडल में शामिल हुईं। काव्यालय को सतत अपना प्यार और प्रतिभा दे रही हैं। असल में यह परस्पर है। काव्यालय से हमें क्या मिलता है, उसका लेखा जोखा सम्भव नहीं है। न अंक हैं, न शब्द।
नया माध्यम
नूपुर के साथ शुरू हुआ काव्यालय का एक नया संस्करण व्हाट्सैप पर - बदलते समय के साथ लोगों की सुविधाओं के साथ कदम मिला कर चलने का हमारा प्रयास। काव्यालय की प्रस्तुति हर अगले शुक्रवार अब व्हाट्सैप पर भी भेजी जाती है।
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प्रकाशन के आंकड़े
अप्रैल 2021 – मार्च 2022 की अवधि में हमारी कुल 42 प्रस्तुतियों के स्रोत और प्रकार यह थे। लिंक पर क्लिक करके आप उनकी सूची देख सकते हैं और उन रचनाओं का पुन: रसास्वादन कर सकते हैं।
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कुल प्रस्तुति 42
पाठकों के आंकड़े
काव्यालय की प्रस्तुतियाँ लग-भग 2200 पाठकों को ईमेल पर नियमित रूप से भेजी जाती हैं। ईमेल हमारा सम्प्रेषण का मुख्य माध्यम है। जो सब्स्क्राइबर कई महीनों तक (कम से कम छह महीने) हमारा कोई ईमेल नहीं खोलते हैं, उनका सबस्क्रिपशन समाप्त हो जाता है।
इस साल ईमेल पर प्रस्तुतियों की यह पाठक संख्या रही –
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यह हैं वेबसाइट पर आगन्तुकों के आँकड़े --
आर्थिक स्थिति
सहयोग देने वाले पाठकगण : 27 (सूची के लिए यहाँ क्लिक करें)व्यय (रुपये में) | आय (रुपये में) | ||
वीडियो एडिटिन्ग, संचालन सहयोग (सुकन्या दे) |
32,079.00 | आपसे प्राप्त योगदान | 26,003.00 |
वेब होस्टिंग | 6,304.80 | एमज़ॉन कमिशन | 1,061.58 |
ईमेल सम्प्रेषण | 4,773.76 | बैंक से ब्याज | 783.00 |
बैंक, गेटवे शुल्क | 387.74 | ||
कुल आय | ₹ 27,847.58 | ||
कमी | ₹ 15,697.72 | ||
कुल | ₹ 43,545.30 | कुल | ₹ 43,545.30 |
रचनाओं का मूल्य, काव्यालय के सम्पादन में लगे वक्त, तकनीकी मेहनत का मूल्य नहीं जोड़ा गया है। सभी रचनाकार हमें नि:शुल्क अपनी प्रतिभा का उपहार देते हैं। काव्यालय कुटुम्ब के संचालन का कार्य भी नि:शुल्क है।
प्रकाशित: 5 अगस्त 2022