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प्रतीक्षा
मैं और तुम
वृत्त की परिधि के
अलग अलग कोनों में
बैठे दो बिन्दु हैं,
मैनें तो अपनें
हिस्से का अर्धव्यास
पूरा कर लिया ,
क्या तुम केन्द्र पर
मुझसे मिलनें के लिये आओगी ?
-
अनूप भार्गव
Anoop Bhargava
email:
[email protected]
विषय:
प्रेम (62)
गणित विज्ञान (9)
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..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
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गीता दूबे
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खुशियों की लड़ियाँ जगमगाती हैं
चीर कर गमों के अँधेरे को
जिंदगी आज फिर से मुस्कराती है।
धमाका फिर गूंजता है
पर बमों और बंदूकों का नहीं
पटाखों के साथ-साथ
गूंजती है किलकारियाँ भी।
सहमे से मुरझाए होठों पर
..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
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