अप्रतिम कविताएँ
लेन-देन
लेन-देन का हिसाब
          लंबा और पुराना है।

जिनका कर्ज हमने खाया था,
          उनका बाकी हम चुकाने आये हैं।
और जिन्होंने हमारा कर्ज खाया था,
          उनसे हम अपना हक पाने आये हैं।

लेन-देन का व्यापार अभी लंबा चलेगा।
          जीवन अभी कई बार पैदा होगा
                    और कई बार जलेगा।

और लेन-देन का सारा व्यापार
                जब चुक जायेगा,
          ईश्वर हमसे खुद कहेगा -

          तुम्हार एक पावना मुझ पर भी है,
          आओ, उसे ग्रहण करो।
          अपना रूप छोड़ो,
          मेरा स्वरूप वरण करो।
- रामधारी सिंह 'दिनकर'
Ref: Hare Ko Harinaam
Pub: Udayachal, Rajendra Nagar, Patna-16
विषय:
जीवन (37)
अध्यात्म दर्शन (34)

***
सहयोग दें
विज्ञापनों के विकर्षण से मुक्त, काव्य के सुकून का शान्तिदायक घर... काव्यालय ऐसा बना रहे, इसके लिए सहयोग दे।

₹ 500
₹ 250
अन्य राशि
रामधारी सिंह 'दिनकर'
की काव्यालय पर अन्य रचनाएँ

 आग की भीख
 कुंजी
 चाँद और कवि
 बालिका से वधु
 लेन-देन
 सूर्य
इस महीने :
'युद्ध की विभीषिका'
गजेन्द्र सिंह


युद्ध अगर अनिवार्य है सोचो समरांगण का क्या होगा?
ऐसे ही चलता रहा समर तो नई फसल का क्या होगा?

हर ओर धुएँ के बादल हैं, हर ओर आग ये फैली है।
बचपन की आँखें भयाक्रान्त, खण्डहर घर, धरती मैली है।
छाया नभ में काला पतझड़, खो गया कहाँ नीला मंजर?
झरनों का गाना था कल तक, पर आज मौत की रैली है।

किलकारी भरते ..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'नव ऊर्जा राग'
भावना सक्सैना


ना अब तलवारें, ना ढाल की बात है,
युद्ध स्मार्ट है, तकनीक की सौगात है।
ड्रोन गगन में, सिग्नल ज़मीन पर,
साइबर कमांड है अब सबसे ऊपर।

सुनो जवानों! ये डिजिटल रण है,
मस्तिष्क और मशीन का यह संगम है।
कोड हथियार है और डेटा ... ..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'दरवाजे में बचा वन'
गजेन्द्र सिंह


भीगा बारिश में दरवाजा चौखट से कुछ झूल गया है।
कभी पेड़ था, ये दरवाजा सत्य ये शायद भूल गया है।

नये-नये पद चिन्ह नापता खड़ा हुआ है सहमा-सहमा।
कभी बना था पेड़ सुहाना धूप-छाँव पा लमहा-लमहा।
चौखट में अब जड़ा हुआ है एक जगह पर खड़ा हुआ है,
कभी ठिकाना था विहगों का आज ...

..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
संग्रह से कोई भी रचना | काव्य विभाग: शिलाधार युगवाणी नव-कुसुम काव्य-सेतु | प्रतिध्वनि | काव्य लेख
सम्पर्क करें | हमारा परिचय
सहयोग दें

a  MANASKRITI  website