अप्रतिम कविताएँ
प्राप्त करें
रचनाओं के कुछ विषय

कृष्ण (18)
गणित विज्ञान (9)
समाज (31)


सारे विषय
'स्वतंत्रता का दीपक'
गोपालसिंह नेपाली


घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो,
आज द्वार द्वार पर यह दिया बुझे नहीं।
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।

शक्ति का दिया हुआ, शक्ति को दिया हुआ,
भक्ति से दिया हुआ, यह स्वतंत्रता-दिया,
रुक रही न नाव हो, ज़ोर का बहाव हो,
आज गंगधार पर यह दिया बुझे नहीं!
यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है!
...

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
'युद्ध की विभीषिका'
गजेन्द्र सिंह


युद्ध अगर अनिवार्य है सोचो समरांगण का क्या होगा?
ऐसे ही चलता रहा समर तो नई फसल का क्या होगा?

हर ओर धुएँ के बादल हैं, हर ओर आग ये फैली है।
बचपन की आँखें भयाक्रान्त, खण्डहर घर, धरती मैली है।
छाया नभ में काला पतझड़, खो गया कहाँ नीला मंजर?
झरनों का गाना था कल तक, पर आज मौत की रैली है।

किलकारी भरते ...

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
'नव ऊर्जा राग'
भावना सक्सैना


ना अब तलवारें, ना ढाल की बात है,
युद्ध स्मार्ट है, तकनीक की सौगात है।
ड्रोन गगन में, सिग्नल ज़मीन पर,
साइबर कमांड है अब सबसे ऊपर।

सुनो जवानों! ये डिजिटल रण है,
मस्तिष्क और मशीन का यह संगम है।
कोड हथियार है और डेटा ... ...

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
सहयोग दें
विज्ञापनों के विकर्षण से मुक्त, काव्य के सुकून का शान्तिदायक घर... काव्यालय ऐसा बना रहे, इसके लिए सहयोग दे।

संग्रह से कोई भी रचना
देखें कौन सी मिलती है!
नई प्रकाशित कवितायें
प्रतिध्वनि में नया ऑडियो
काव्य लेख में नए लेख

छंद में लिखने की आसान तरकीब शृंखला

सारी रचनाएँ काव्यालय के इन विभागों में संयोजित हैं:
शिलाधार - 20वी सदी के पूर्व हिन्दी का शिलाधार काव्य
युगवाणी - 20वी सदी के प्रारम्भ से समकालीन काव्य
नव-कुसुम - उभरते कवियों की रचनाएँ
काव्य-सेतु - अन्य भाषाओं के काव्य से जोड़ती हुई रचनाएँ
मुक्तक - मोती समान पंक्तियों का चयन

प्रतिध्वनि कविताओं का ऑडियो: कवि की अपनी आवाज़ में, या अन्य कलाकार द्वारा

काव्य लेख काव्य सम्बन्धित लेख

प्रकाशन का समयक्रम:
सामान्यतः महीने का प्रथम और तीसरा शुक्रवार
सम्पर्क करें | हमारा परिचय