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डा. महेन्द्र भटनागर
डा. महेन्द्र भटनागर की काव्यालय पर रचनाएँ
एक रात
कौन तुम
भोर का गीत
माँझी

स्वातंत्र्योत्तर कवि महेंद्र भटनागर का जन्म 26 जून 1926 को झांसी में हुआ था। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (1948)और डॉक्टरेट (1957) की उपाधि प्राप्त की। 1978 में वे ताशकंद विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा के प्रोफेसर के रूप मे नियुक्त हुए। इसके बाद वे भारत में कई विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध रहे। इन सब के अलावा वे आकाशवाणी के संगीत और नाटक विभाग और कई अन्य साहित्यिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे।

उन्होंने हिन्दी और अङ्ग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लेखन किया। अंग्रेजी में उनके ग्यारह कविता संग्रह प्रकाशित हैं। अनेक संग्रहों में भी उनकी कविताएं सम्मिलित हैं और उनपर कई शोध भी हुए हैं। हिन्दी में भी उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हैं जैसे - 'कविश्री', 'जूझते हुए' , "विकृत रेखाएँ धुंधले चित्र', 'बूंद नेह की दीप हृदय का' इत्यादि ।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित महेंद्र जी का देहावसान 27 अप्रैल 2020 को हुआ।


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