अप्रतिम कविताएँ
हार्मनी

स़फेद और काला अलग रहेंगे
तो नस्ल कहाएंगे
मिलकर रहेंगे तो संगीत

हारमोनियम
साहचर्य की एक मिसाल है

उंगलियों के बीच की ख़ाली जगह
उंगलियों से भर देने के लिए है।
- हेमंत देवलेकर
काव्यपाठ: हेमंत देवलेकर

काव्यालय को प्राप्त: 30 Dec 2023. काव्यालय पर प्रकाशित: 26 Jul 2024

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'या देवी...'
उपमा ऋचा


1
सृष्टि की अतल आंखों में
फिर उतरा है शक्ति का अनंत राग
धूम्र गंध के आवक स्वप्न रचती
फिर लौट आई है देवी
रंग और ध्वनि का निरंजन नाद बनकर
लेकिन अभी टूटी नहीं है धरती की नींद
इसलिए जागेगी देवी अहोरात्र...

2
पूरब में शुरू होते ही
दिन का अनुष्ठान
जाग उठी हैं सैकड़ों देवियाँ
एक-साथ
ये देवियाँ जानती हैं कि
..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
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