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अजेय रतन
अजेय रतन की काव्यालय पर रचनाएँ
समर्पण

अजेय रतन दिल्ली के मूल निवासी है जो आजकल पुणे में रह रहे है। योग्यता से वे BE(Hons) Civil और Diploma in Marketing Management है । वे Tata Bluescope Steel Limited में Chief ( HSE and Lysaght Business) के रूप में कार्यरत है। कर्मचारियों की सुरक्षा और पर्यावरण में योगदान के चलते उनके विभाग को दो बार भारत सरकार से “विश्वकर्मा पुरस्कार “ से सम्मानित किया गया।

बचपन से ही उन्हें पढ़ने का बहुत शौक़ था। स्कूली पढ़ाई के अलावा मुंशी प्रेमचन्द, रविन्द्रनाथ टैगोर , ख़ुशवंत सिंह, लियो टॉल्सटॉय आदि को अच्छे से पढ़ा हालाँकि मुंशी जी उनके सदैव आदर्श लेखक रहे।

वाद्ययंत्र बजाने के शौक़ के चलते स्कूल कॉलेज के आर्केस्ट्रा का हिस्सा भी रहे।

फ़ौजी परिवार में पलने की बदौलत भारत के कई राज्यों व उनके रीति रिवाजों को नज़दीक से देखने का मौक़ा भी मिला।

कविता लेखन की तरफ़ उनका झुकाव डा॰ विनोद तिवारी एवं सुश्री वाणी मुरारका द्वारा कविता लेखन पर लेख शृंखला Basic Structure of Hindi Poetry को पढ़ कर हुआ था।

कविता लेखन का सफ़र तुकांत कविताओं से शुरू होकर , ग़ज़ल लेखन को छूता हुआ अतुकांत कविता तक पहुँच गया है।

वाणी मुरारका द्वारा निर्मित "गीत गतिरूप" सॉफ़्टवेयर की मदद से उन्होंने दोहा लेखन व कुण्डलिया लेखन पर शोध भी किया है जो इस विधा में शौक़ रखने वाले कवियों के लिए काफी लाभदायक है।

उनकी धर्मपत्नी विज्ञान की शिक्षिका रह चुकी है और उनके दोनों पुत्र इंजीनियरिंग स्नातक है।

सम्पर्क: [email protected]


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