मुंगेर (बिहार) में जन्मे यतीश कुमार ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी कविता और कहानी के साथ-साथ चर्चित उपन्यासों, कहानियों व यात्रा-वृतान्तों पर अपनी विशिष्ट शैली में कविताई से एक अलग पहचान बनाई है। 1996 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (आई,आर.एस.एम.ई) अधिकारी यतीश कुमार का दिल पिछले दो दशकों से साहित्य के लिए धड़कता है।
वर्ष 2021 में उनका पहला काव्य-संग्रह ‘अन्तस की खुरचन’ व जनवरी 2023 में दूसरा काव्य-संग्रह ‘आविर्भाव’ (हिंदी साहित्य की 11 प्रसिद्ध कृतियों पर कविताई) प्रकाशित हुआ है जिसे पाठकों, समीक्षकों और साहित्य-प्रेमियों का भरपूर स्नेह मिल रहा है।
उनकी कविताएं एवं संस्मरण देश के कई समाचार पत्रों एवं प्रसिद्ध पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित होते रहे हैं। ‘हिंदवी’, ‘समालोचन’, ‘जानकी पुल’, ‘पहली बार’, ‘कविता कोश’ आदि चर्चित साहित्यिक ब्लॉग्स पर भी उनकी रचनात्मक उपस्थिति है। उनके कृतित्व पर ‘जनसत्ता’, ‘दैनिक जागरण’, ‘सन्मार्ग’, ‘प्रभात खबर’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ सरीखे समाचारपत्र व परिकथा, बनास जन, कृति बहुमत, कविकुंभ समेत कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में समीक्षा प्रकाशित हुई हैं।