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सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत की काव्यालय पर रचनाएँ
अमर स्पर्श
प्रथम रश्मि
विजय ('उत्तरा' से)

पद्म भूषण, ज्ञानपीठ पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि सुमित्रानंदन पंत हिंदी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक थे । 20 मई 1900 को कौसानी, उत्तराखंड में जन्मे सुमित्रानंदन जी को बाल्यावस्था से ही प्रकृति से प्रेम था। 1907 से 1918 के बीच प्र्कृति के ऊपर लिखी उनकी प्रारम्भिक रचनाओं का संग्रह 'वीणा' 1927 में प्रकाशित हुआ। इसके पहले 1922 में उनका संग्रह 'उच्छवास' और 1926 में 'पल्लव' प्रकाशित हो चुका था। इसके बाद इनके कई अन्य संग्रह आए जैसे - चिदम्बरा, पल्लव, गुंजन, कला और बूढ़ा चाँद इत्यादि ।'लोकायतन' के लिए उन्हें सोवियत यूनियन द्वारा नेहरू शांति पुरस्कार भी मिला। 28 दिसंबर 1977 को इस दुनिया को छोड़ जाने वाली इस विभूति के बचपन का घर अब एक संग्रहालय के रूप में सुरक्षित है और साहित्यप्रेमियों व सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है । (सूचना साभार - https://www.veethi.com/)


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