हिमाचल प्रदेश की निवासी शबनम शर्मा अध्यापिका हैं और सफल लेखिका भी हैं। औपचारिक शिक्षा: बी.ए., बी.एड.।
उनकी दो काव्य संग्रह, "अनमोल रत्न" और "काव्य कुँज" प्रकाशित हो चुके हैं। प्रचुर मात्रा में ग़ज़लें, कवितायें, कहानियाँ, लघुकथायें, लेख इत्यादि लिख चुकी हैं और निरन्तर लिखती रहती हैं। कई पत्रिकाओं और रचना संग्रहों में उनकी रचनाएँ छप चुकी हैं।
शबनम अपनी उर्वर रचना शक्ति के लिए कई बार सम्मानित की गई हैं जैसे कि - शताब्दी रत्न (पानीपत), सुरभि साहित्य (बम्बई), आर्चाया (पानीपत), महादेवी वर्मा सम्मान ( मथुरा), कवयित्री सम्मान (दिल्ली), काव्य महारथी (इलाहाबाद), कवयित्री सम्मान (कृपालशिला गुरुद्वारा, पाँवटा साहिब), ग़ज़ल रत्न (बम्बई), महिला रत्न (खंडवा), ’स्व. मुकीम पटेल सम्मान’ (बालाघाट, म.प्र.), उत्कृष्ट साहित्यिक सेवा हेतू कहानी महाविद्यालय अम्बाला से सम्मानित।
स्थानीय, राज्य स्तरीय, राष्ट्र स्तरीय कवि सम्मेलनों में भाग लेती रहती हैं।
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