पण्डित राम दयाल पाण्डेय जी का जन्म ६ अगस्त १९१५ को, बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर पट्टी ग्राम में हुआ था। अल्पायु में ही इनके पिता का देहांत हो गया। तदुपरान्त इनकी माता ने ही इनका पालन पोषण किया। ये एक मेधावी छात्र थे । मात्र 15 वर्ष की आयु में स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़ने वाले राम दयाल पाण्डेय जी के हृदय में राष्ट्र और राष्ट्रभाषा के प्रति अगाध प्रेम था।
वे हिन्दी प्रगति समिति, बिहार के अध्यक्ष तथा बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के उपाध्यक्ष-सह-निदेशक रहे। उन्हें पाँच बार बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष चुना गया और कई पुरस्कारों से विभूषित भी किया गया।
उन्हें काफी आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा। किन्तु उन्होंने पुरस्कार राशि को 'पत्रकार-कल्याण-कोश' और 'साहित्यकार कल्याण-कोश में दे दिया। उन्होंने 'स्वतंत्रता-सेनानी पेंशन' लेना भी यह कह कर अस्वीकार कर दिया कि "मातृ-भूमि की सेवा, मूल्य लेने के लिए नहीं की थी"।
वे प्रतिष्ठित कवि और संपादक रहे। उन्होंने कोलकाता से प्रकाशित 'दैनिक विश्वमित्र', 'दैनिक नवराष्ट्र', 'आज' (वाराणसी), 'अग्रदूत' (साप्ताहिक, पटना), 'बालक' (बाल-मासिक, पटना), 'स्वदेश' (साप्ताहिक, पटना), 'पाटल' (साहित्यिक-मासिक, पटना), 'हिमालय' (मासिक,पटना), 'बिहार-जीवन' (साप्ताहिक, भागलपुर), 'जनता' (साप्ताहिक, कोलकाता), 'किशोर' (साप्ताहिक, पटना), 'नवीन बिहार' आदि पत्र-पत्रिकाओं का सफल संपादन किया।
१५ मार्च २००२ को उनका परलोक गमन हुआ।
प्रकाशित कृतियाँ :-
'गण देवता' (१९४३), 'अशोक' (१९५०), 'शक्तिमयी' ( १९९०), 'राष्ट्र व्यंजना' (१९९१), 'युगांतर' (१९९१), 'लोकायन' (१९९२), युवा-ज्योति' (१९९२), 'नवोदय' (१९९३), 'मन्वन्तर' (१९९३), अग्निपंथी' (१९९३), 'अमृत' (१९९४) तथा 'कर्मोपनिषद' (१९९४)
अप्रकाशित :-
पंचतत्व', 'विप्लव', 'शाश्वत', 'विश्वायतन', 'अजस्रा', 'पौरुष' तथा 'नारी शतक'