अप्रतिम कविताएँ
एक शब्द की कविता
एक शब्द की कविता
तुम।

एक शब्द में पृथ्वी सारी
तुम।
एक शब्द में सृष्टि सारी
तुम।

क्या रिश्ता होगा जब तुम ही हो
यह वाणी तेरी
- तुम

काव्यालय को प्राप्त: 10 Jun 2017. काव्यालय पर प्रकाशित: 27 Sep 2019

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'अमरत्व'
क्लेर हार्नर


कब्र पे मेरी बहा ना आँसू
हूँ वहाँ नहीं मैं, सोई ना हूँ।

झोंके हजारों हवाओं की मैं
चमक हीरों-सी हिमकणों की मैं
शरद की गिरती फुहारों में हूँ
फसलों पर पड़ती...
..

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