प्रेम और प्रकृति के कवि कुन्दन सिद्धार्थ की कविताएँ विभिन्न पत्रिकाओं जैसे - 'अक्षरा', 'आवर्त', 'वागर्थ', 'पहल', 'दोआबा', 'बहुमत', 'आजकल', 'मुक्तांचल', 'नया पथ', 'बिंब-प्रतिबिंब', 'समकालीन परिभाषा', 'सृजन सरोकार', 'समकालीन भारतीय साहित्य', 'समावर्तन' इत्यादि में एवं कई साझा संकलनों में सम्मिलित हो चुकी हैं। इनकी कुछ कविताओं का मराठी, कन्नड़, नेपाली, अंग्रजी और भोजपुरी में अनुवाद भी हो चुका है।
पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर में कार्यरत कुन्दन जी का पहला काव्य संग्रह शीघ्र प्रकाश्य है।