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27 मई 1985 को जन्मे चिराग जैन कवि के अलावा व्यंग्यकार भी हैं। कई टीवी चैनलों पर इनकी प्रस्तुतियाँ देखी और सराही गई हैं जैसे - वाह-वाह क्या बात है, नेताजी लपेटे में, लाफ इंडिया लाफ, चुनावी चकल्लस इत्यादि। कवि सम्मेलनों में भी इनकी सक्रिय भागीदारी रही है। इनकी सात से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिनमें मुख्य हैं - कोई यूं ही नहीं चुभता, ओस, मन तो गोमुख है, छूकर निकली है बेचैनी।
2016 में इन्हें हिन्दी अकादमी द्वारा भाषादूत सम्मान दिया गया। इसके अलावा इन्हें कई अन्य संस्थाओं द्वारा भी विभिन्न सम्मानों से अलंकृत किया गया है।