भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी रह चुके ध्रुव गुप्त कई विधाओं में लिखते हैं जैसे - कविता, ग़ज़ल, कहानी और आलेख।
इनकी कई किताबें प्रकाशित हैं -
कहीं बिल्कुल पास तुम्हारे, जंगल जहां खत्म होता है, मौसम जो कभी नहीं आता (कविता संग्रह)
कहीं कुछ अनकहा (प्रतिनिधि कविताएं)
मुठभेड़ (कहानी संग्रह)
एक ज़रा सा आसमां, मौसम के बहाने, मुझमें कुछ है जो आईना सा है (ग़ज़ल संग्रह)
हाशिये पर रौशनी और फिर तेरी कहानी याद आई (आलेख संकलन)