परिचय : काव्यालय
यह पुस्तक काव्यालय ( kaavyaalaya.org ) की प्रस्तुति है।
काव्यालय, मनस्कृति सॉफ्टवेयर का गैर-लाभकारी उद्यम, इन्टरनेट जगत का पहला वेबसाइट है जहाँ विख्यात हिन्दी कविताओं का संकलन देवनागरी लिपि में उपलब्ध हुआ। सन् 1996-97 में जब भारत में जन सामान्य के लिए इंटरनेट उपलब्ध होना बस आरम्भ ही हुआ था, वाणी मुरारका ने काव्यालय की स्थापना की। डॉ. विनोद तिवारी जून 2001 में काव्यालय के सह-सम्पादक बने| आज काव्यालय पर प्राचीन, समकालीन, और उभरते कवियों की अत्यन्त चुनिन्दा कविताएँ उपलब्ध हैं।
काव्य-शिल्प सम्बंधित सॉफ्टवेयर "गीत गतिरूप" हिन्दी जगत को काव्यालय द्वारा मनस्कृति की अनुपम भेंट है| इसके उपयोग से कविगण इसका प्रयोग कर अपनी रचनाओं को और तराश सकते हैं| जहाँ तक हमें पता है, ऐसा सॉफ्टवेयर कहीं और, किसी भी भाषा में, उपलब्ध नहीं है।
हमारा प्रयास है कि मीडिया इन्टरनेट के शोर-शराबे के बीच, काव्य के माध्यम से, शान्ति, सुकून और सौन्दर्य की सरिता बहे। समय समय पर हम पाठकों के संग एक ऐसी चुनी हुई कविता अथवा काव्य / भाषा सम्बन्धित लेख साझा करते हैं जिसकी अनुभूति में डूब कर एक विस्तृत आयाम का आभास हो।
आप अगर काव्यालय की प्रस्तुति पाना चाहते हैं तो इस लिंक पर अपना ईमेल दर्ज़ करें kaavyaalaya.org/subscribe
काव्यालय, मनस्कृति सॉफ्टवेयर का गैर-लाभकारी उद्यम, इन्टरनेट जगत का पहला वेबसाइट है जहाँ विख्यात हिन्दी कविताओं का संकलन देवनागरी लिपि में उपलब्ध हुआ। सन् 1996-97 में जब भारत में जन सामान्य के लिए इंटरनेट उपलब्ध होना बस आरम्भ ही हुआ था, वाणी मुरारका ने काव्यालय की स्थापना की। डॉ. विनोद तिवारी जून 2001 में काव्यालय के सह-सम्पादक बने| आज काव्यालय पर प्राचीन, समकालीन, और उभरते कवियों की अत्यन्त चुनिन्दा कविताएँ उपलब्ध हैं।
काव्य-शिल्प सम्बंधित सॉफ्टवेयर "गीत गतिरूप" हिन्दी जगत को काव्यालय द्वारा मनस्कृति की अनुपम भेंट है| इसके उपयोग से कविगण इसका प्रयोग कर अपनी रचनाओं को और तराश सकते हैं| जहाँ तक हमें पता है, ऐसा सॉफ्टवेयर कहीं और, किसी भी भाषा में, उपलब्ध नहीं है।
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