समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न
भाग 3
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रंगरूट – सेना या पुलिस में नया भर्ती होने वाला सिपाही
37. हवलदार था बड़ा मेहनती (हास्य कविता)
हवलदार था बड़ा मेहनती
सबसे मुश्किल ड्रिल करवाता।
अब दायाँ, अब बायाँ कह कर
सबके पैरों को उठवाता।
दायाँ बोला हवलदार तो
सबने दायाँ पैर उठाया।
इक रंगरूट भूल कर बैठा
उसने बायाँ पैर उठाया।
हवलदार ने गौर से देखा
फिर गुस्से में गाल बजाये।
कौन मूर्ख जो खड़ा बीच में
अपने दोनों पैर उठाये?
सबसे मुश्किल ड्रिल करवाता।
अब दायाँ, अब बायाँ कह कर
सबके पैरों को उठवाता।
दायाँ बोला हवलदार तो
सबने दायाँ पैर उठाया।
इक रंगरूट भूल कर बैठा
उसने बायाँ पैर उठाया।
हवलदार ने गौर से देखा
फिर गुस्से में गाल बजाये।
कौन मूर्ख जो खड़ा बीच में
अपने दोनों पैर उठाये?
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