समर्पित सत्य समर्पित स्वप्न
कविताएँ
विनोद तिवारी
चित्रकला
वाणी मुरारका
सत्य और स्वप्न दोनों को अपनाती
यथार्थ और सौन्दर्य का संगम
झरने सी बहती, सुकून देती कविताएँ
विनोद तिवारी कौन हैं?
कविता में विज्ञान और विज्ञान में कविता देखने वाले डॉ. विनोद तिवारी भौतिक विज्ञान के शोध कर्ता और काव्यालय के सम्पादक हैं। बचपन से ही उन्होंने अपने अन्तर्मन को काव्य के माध्यम से अभिव्यक्त किया। 80 वर्ष की जीवन यात्रा के सभी सत्य और स्वप्न, यह पुस्तक उनकी अबतक की लगभग सभी कविताओं का संकलन है।
भौतिकी में शोध कार्य के लिये उन्हें प्राइड आफ इंडिया पुरस्कार, अमरीका सरकार का पदक, और लाइफ-टाइम-एचीवमेंट पुरस्कार मिल चुके हैं। पर विज्ञान ने उन्हें शुष्क नहीं बनाया। भावनाओं, सपनों, इच्छाओं की वह उतना ही सम्मान करते हैं जितना यथार्थ का, क्योंकि वह भी हमारा अपना है। उनके अपने शब्दों में, "भौतिक विज्ञान उनकी शक्ति है और कविता उनकी दुर्बलता।"
सत्य और स्वप्न दोनों कोई कैसे अपना सकता है? यह अनूठा दृष्टिकोण
जानना है!
और वाणी मुरारका?
जिसे आकाश देखना, पेड़ों की बातें सुनना पसन्द है।
सॉफ़्टवेयर डेवेलपर वाणी मुरारका काव्यालय की संस्थापिका व सम्पादक हैं, गीत गतिरूप की निर्माता हैं, और जब दिमाग सुन्न हो जाता है तो चित्रकला की ओर मुड़ती हैं। इस पुस्तक का कवर, और पुस्तक के सारे चित्र उनकी चित्रकारी है और इन कविताओं को साकार कर रही हैं।
पुस्तक में क्या है?
40 कविताएँ, 23 मुक्तक, 13 चित्र
कविताएँ 3 भाग में संकलित हैं :
प्रेम, पीड़ा, आत्म चिन्तन, सामाजिक चेतना, देश प्रेम, हास्य कविता, बाल कविता और देव स्तुति -- इन सभी रंगों की कविताएँ इस संकलन में हैं। डॉ. विनोद तिवारी की अब तक की सारी कविताएँ।
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