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वाणी मुरारका
वाणी मुरारका की काव्यालय पर रचनाएँ
अगर सुनो तो
अधूरी साधना
गहरा आँगन
चुप सी लगी है
जल कर दे
देश की नागरिक
धीरे-धीरे
शहर की दीवाली पर अमावस का आह्वान

वाणी मुरारका की आवाज़ में अन्य कवियों की रचनाएँ
आज नदी बिलकुल उदास थी - केदारनाथ अग्रवाल
कनुप्रिया (अंश 4) समुद्र-स्वप्न - धर्मवीर भारती
तुम्हारे साथ रहकर - सर्वेश्वरदयाल सकसेना
यातनाएं - विस्सावा शिंबोर्स्का
ये गजरे तारों वाले - रामकुमार वर्मा
सुप्रभात - प्रभाकर शुक्ला

वाणी मुरारका द्वारा अनूदित कविताएँ
पेड़ - जोएस किलमर
स्थगित सपना - लैंग्स्टन ह्यूज़

वाणी मुरारका के काव्य-लेख
इन दर्पणों में देखा तो : अमृत खरे की श्श्रुतिछंदा पर प्रतिक्रिया
एक ईमेल की कहानी
काव्य शिल्प में शब्द संयोजन का मेरा एक अनुभव
छोटी, प्यारी, मगर मुक्त है क्या?
शब्दों की चाबी
वाणी मुरारका काव्यालय की संस्थापिका और सह-सम्पादक हैं। उन्होंने एक मौलिक सॉफ़्टवेयर का निर्माण किया है - गीत गतिरूप, जो काव्य शिल्प परिष्कृत करने में कवि की सहायता करता है।

वे प्रधानत: अंग्रेजी में लिखती हैं। उनकी प्रथम पुस्तक है "12 Drops of Silence"। कोलकाता में भौतिक विज्ञान और अमरीका में कम्प्यूटर विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की, और कई वर्षों से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रही हैं। व्यवसाय के साथ वह अपना अधिकांश समय काव्यालय, गीत गतिरूप और लिखने पर ध्यान देती हैं।



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