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मानोशी चटर्जी
मानोशी का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ| आजकल वह कनाडा टोरांटो में रहती हैं| स्कूल में अध्यापिका हैं और साथ ही साहित्य और शास्त्रिय संगीत के क्षेत्र में निरंतर सक्रीय हैं| आपने स्नातकोत्तर शिक्षा बिलासपुर छत्तीसगढ़ से और बी.एड. वर्धमान पश्चिम बंगाल से हासिल किया| आपकी रचनाएं कई पत्रिकाओं और काव्य संकलन में छप चुके हैं, ख़ासकर प्रवासी भारतीयों के प्रकाशनों में|

बंगला भाषा परिवार में लालन-पालन होने के कारण आपको बंगला साहित्य से गहरा लगाव है| बचपन हिन्दी वातावरण में बीता सो हिन्दी व उर्दू के प्रति प्रेम है| घर में संगीत और साहित्य का वातावरण था| विद्यार्थी जीवन से ही इनका मौलिक लेखन आरम्भ हो गया था| गीत लिखने में अलाहबाद के अमिताभ त्रिपाठी आपके गुरु सामान रहे|

मानोशी के अपने शब्दों में, "मैं जब गीत लिखती थी, वो उन्हें ठीक करते थे, और समझाते थे कि कैसे वह लय में ठीक नहीं है| सही लय कौन से शब्द के इस्तेमाल करने से होगा| इस तरह अभ्यास करने से मुझे गीतों की लय की समझ आई|"

मानोशी की कविताओं की एक पुस्तक प्रकाशित हुई है: उन्मेष, और कविताओं और गीतों का संगीतमय एल्बम: A Journey सफ़र

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